लो मैं,तुम हुआ और यूँ ही महकते हुये सपनों को स्पर्श करते हुए! लो मैं,तुम हुआ और यूँ ही महकते हुये सपनों को स्पर्श करते हुए!
जहां चाँद आज भी इमारतों से बड़ा है। जहां चाँद आज भी इमारतों से बड़ा है।
आई रमणीय रंगों की हर्षोल्लास होली, रंग बिरंगे अबीर से बनी सुरम्य रंगोली, आई रमणीय रंगों की हर्षोल्लास होली, रंग बिरंगे अबीर से बनी सुरम्य रंगोली,
गली में फागुन का जोगी प्रेम का इकतारा बजा रहा था। गली में फागुन का जोगी प्रेम का इकतारा बजा रहा था।
बरसों से इश्क किया तुमसे तुम बादल बनके बरस जाना बैचेन निगाहें तरस ही गई फिर हर पल मिलना तुम मुझसे... बरसों से इश्क किया तुमसे तुम बादल बनके बरस जाना बैचेन निगाहें तरस ही गई फिर ह...
क्योंकि कई बार मैं चाहता हूं अकेलेपन में भी तुमको सुनते रहना। क्योंकि कई बार मैं चाहता हूं अकेलेपन में भी तुमको सुनते रहना।